
शहर नपा अध्यक्ष पद की सीट अनारक्षित होते ही सोशल मीडिया पर दावेदारों की सूची लोगों के बीच अब हंसी और मजाक की वजह बनने लगी है। यहां तक ऐसी स्थिति निर्मित होने लगी है कि जो लोग पार्षद पद के लिए दावेदारी कर रहे थे उनके मित्र अब उन्हें भावी नपा अध्यक्ष लिखकर संबोधित कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर इस तरह की बयानबाजी से शहर में हंसी मजाक का वातावरण बना हुआ है। संभावित दावेदारों के नाम देखकर अब तो लोग यह तक बोल रहे हैं कि इस चुनाव में पार्षदों से अधिक संख्या नपा अध्यक्ष प्रत्याशियों की रहेगी।
नगरीय निकाय के अध्यक्ष पदों की आरक्षण के बाद भले ही अभी तक निकाय चुनावों की तारीख घोषित नहीं हुई है लेकिन शहर की सोशल मीडिया में दावेदारों के चहेतों ने टिकट वितरण से पहले ही अपने नेताओं को अध्यक्ष बनाना शुरू कर दिया है। यह स्थिति कुछ चंद दावेदारों की न होते हुए बल्कि ऐसे लोगों की है आरक्षण प्रक्रिया से पहले पार्षद पद के लिए शहर के वार्डों में अपने लिए जमीन तलाश रहे थे। लगातार सोशल मीडिया पर आ रही पोस्ट के बाद शहर में इस बात की चर्चा अधिक हैं कि इस बार शहर के 22 वार्डों में से करीब वार्डों की संख्या से अधिक प्रत्याशी नपा चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए अपनी किस्मत को आजमाएंगे।
स्थिति... टिकट को लेकर जनप्रतिनिधि भी दुविधा में
निकाय चुनाव में टिकट की मांग करने वाले नेताओं को लेकर जनप्रतिनिधि भी दुविधा में हैं। इसकी वजह जो दावेदारी कर रहे हैं उनमें से अधिकांश लोगों का उनसे सीधा उनसे जुड़ा होना है। बहरहाल अभी दावेदारों ने अपने समर्थक और मित्रों से पोस्ट डलवाना शुरू किया है। वे टिकट मांगने खुद कब खुलकर सामने आएंगे, लोगों को इसका इंतजार है। कई दावेदार लोगों के बीच भी पहुंचने लगे हैं और अपनी चुनाव में खड़े होने की बात भी रखने लगे हैं।
सबसे बड़ी सूची ब्राह्मण और जैन समाज की
जो भी संभावित प्रत्याशियों के नाम सामने आ रहे हैं उनके ब्राह्मण और जैन समाज से दावेदारों की संख्या सबसे अधिक है। हालाकि इनमें से कई दावेदारों के समर्थन या मित्र तो इस तरह की पोस्ट डाल रहे हैं जिसको पढ़कर लोगों का कहना है कि इस नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या इतनी होगी कि निर्वाचन विभाग को एक, दो नहीं बल्कि 4 मशीनें तक रखना पड़ेंगी। शहर में सामान्य वर्ग की सीट होने के बाद घमासान मचा हुआ है।
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